Tuesday, February 11, 2025

प्रयागराज महाकुंभ -2025

 उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, युमना और सरस्वती नदी के संगम तट पर दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला महाकुंभ चल रहा है। गंगा, युमना और सरस्वती नदी के पवित्र संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी 2025 तक चलेगा l



महाकुंभ 2025


कुंभ मेले चार प्रकार के होते हैं - कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ, और महाकुंभ. इनके आयोजन की तारीखें और जगहें तय करने के लिए ज्योतिषियों और अखाड़ों के प्रमुख ग्रहों की स्थिति देखते हैं.

1. कुंभ मेला

यह मेला हर तीन साल में आयोजित होता है. यह हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, और नासिक में लगता है. 

2. अर्ध कुंभ मेला
यह मेला हर 6 साल में प्रयागराज और हरिद्वार में आयोजित होता है. 

3. पूर्ण कुंभ मेला
यह मेला हर 12 साल में आयोजित होता है. यह प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार, और उज्जैन में आयोजित किया जाता है. 

4.महाकुंभ मेला
यह मेला 12 पूर्ण कुंभ मेलों के बाद यानी पूरे 144 साल में एक बार आता है. यह सिर्फ़ प्रयागराज में होता है. 

2025 के महाकुंभ मेले में पाँच अमृत स्नान होंगे, जो निम्नलिखित तिथियों पर होंगे:   

13 जनवरी, 2025 : पौष पूर्णिमा, पहला अमृत स्नान
14 जनवरी, 2025 : मकर संक्रांति, दूसरा अमृत स्नान
29 जनवरी, 2025 : मौनी अमावस्या, तीसरा अमृत स्नान
3 फरवरी, 2025 : बसंत पंचमी, चौथा अमृत स्नान
12 फरवरी, 2025 : माघ पूर्णिमा, पांचवां अमृत स्नान
26 फरवरी, 2025 : महाशिवरात्रि, आखिरी अमृत स्नान

महाकुंभ 2025 इतिहास के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक बन गया है, जिसमें 26 फरवरी, 2025 तक 670 मिलियन (67 करोड़) से अधिक श्रद्धालु स्नान अनुष्ठानों में भाग ले चुके हैं। राज्य सरकार को उम्मीद थी कि 45 दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या 45 करोड़ तक पहुँच जाएगी, लेकिन यह संख्या एक महीने के भीतर ही हासिल कर ली गई है, जबकि महाकुंभ के समापन में अभी 15 दिन बाकी हैं। आध्यात्मिक महत्व, भव्य अनुष्ठानों और अत्याधुनिक तकनीकी हस्तक्षेपों के अपने मिश्रण के साथ, इस कुंभ मेले ने भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता और डिजिटल सुविधा में नए मानक स्थापित किए हैं।


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