Wednesday, February 26, 2025

"छावा" An Action Drama

 विक्की कौशल अभिनीत फिल्म 'छावा' एक ऐतिहासिक एक्शन-ड्रामा है, जो मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक, छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। "छावा" फ़िल्म मराठी लेखक शिवाजी सावंत के प्रसिद्ध उपन्यास 'छावा' का रूपांतरण है।फिल्म में रश्मिका मंदाना ने उनकी पत्नी, महारानी येसूबाई भोंसले की भूमिका निभाई है, जबकि अक्षय खन्ना ने मुगल सम्राट औरंगजेब का किरदार अदा किया है। लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित और दिनेश विजान द्वारा निर्मित यह फिल्म 14 फरवरी 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई।



फिल्म की रिलीज़ के बाद, 'छावा' ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया है। रिलीज़ के पहले दिन, इसने भारतीय बाजार में 31 करोड़ रुपये की कमाई की, जो विक्की कौशल के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग साबित हुई।


सात दिनों के भीतर, फिल्म ने विश्वभर में 300 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की, जिससे यह 2025 की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई।

अपने किरदार में ढलने के लिए, विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज की शारीरिक बनावट को अपनाने के लिए 25 किलोग्राम वजन बढ़ाया और सात महीने तक कड़ी मेहनत की। उन्होंने इस भूमिका के लिए घुड़सवारी और अन्य युद्ध कौशल भी सीखे।

'छावा' को दर्शकों और समीक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ मिली हैं। फिल्म की कहानी, निर्देशन, और कलाकारों के प्रदर्शन की व्यापक सराहना की गई है। यह फिल्म मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और बलिदान को बड़े पर्दे पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है।

फिल्म 'छावा' का संगीत प्रसिद्ध संगीतकार ए. आर. रहमान द्वारा रचित है, जबकि गीतकार इरशाद कामिल और क्षितिज पटवर्धन ने इसके गीत लिखे हैं। साउंडट्रैक एल्बम में कुल 8 गाने शामिल हैं, जो मराठा संस्कृति और इतिहास की झलक प्रस्तुत करते हैं।

एल्बम का प्रमुख गीत 'शूरवीर संभाजी' है, जो छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और साहस को दर्शाता है। इस गीत को सुखविंदर सिंह और श्रेया घोषाल ने गाया है, और यह श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है।

एक अन्य प्रमुख गीत 'येसूबाई' है, जो संभाजी महाराज और उनकी पत्नी येसूबाई के प्रेम को दर्शाता है। इस रोमांटिक गीत को अरिजीत सिंह और श्रेया घोषाल ने अपनी मधुर आवाज़ दी है।

साउंडट्रैक में पारंपरिक मराठी संगीत तत्वों के साथ आधुनिक संगीत का समावेश है, जो फिल्म की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को सजीव बनाता है। ए. आर. रहमान की संगीत रचना और इरशाद कामिल व क्षितिज पटवर्धन के गहन शब्दों ने मिलकर एक यादगार साउंडट्रैक तैयार किया है, जिसे श्रोताओं और समीक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ मिली हैं।

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